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  • Tuesday, 19 August 2025
छात्रों में ज्यादा अकेलेपन बढाता है मोटापा

छात्रों में ज्यादा अकेलेपन बढाता है मोटापा

शरीरिक गतिविधियों में देखने को मिली कमी


नई दिल्ली । ताजा अध्ययन में पाया गया है कि जिन छात्रों में ज्यादा अकेलेपन की शिकायत की है उनमें बढ़ते वजन या मोटापे की समस्या और शरीरिक गतिविधियों में कमी तो देखने को मिली ही है लेकिन उनका आहार भी सेहतमंद नहीं था। इस अध्ययन के शोधकर्ताओं इस बात पर जोर दिया है कि इस विषय पर ज्यादा अध्ययन करने की जरूरत है।

अकेलेपन का अहसास पिछले एक दशक में कॉलेज जाने वाले छात्रों में नाटकीय रूप से बढ़ा है। नेशनल कॉलेज हेल्थ के आकलन में ऐसी बात सामने आई है। इसके अलावा हाल ही में हुए एक सर्वे में यह भी पाया गया है कि अमेरिका के कॉलेज जाने वाले 44 फीसद छात्रों ने वजन बढ़ने की स्थिति पाई है जिससे वे अधिक वजन वाले या मोटापे की श्रेणी में आ गए हैं।

पिछले शोधों ने अकेलेपन का संबंध अस्वास्थ्यकर वजन और शारीरिक श्रम के अभाव से जोड़ा था। लेकिन कुछ अध्ययनों ने खुराक के स्वरूपों की भूमिका का भी अध्ययन किया जो वजन बढ़ने और अकेलेपन दोनों में योगदान दे सकते हैं। जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने कॉलेज के छात्रों में अकेलेपन का खुराक और शारीरिक गतिविधि के बर्ताव से संबंध की पड़ताल के लिए अध्ययन किया।

विशेषज्ञों ने “हेल्थ स्टार्ट्स हियर स्टडी” के आकंड़ों का विश्लेषण किया जिसमें अमेरिका के एक बड़े कॉलेज के पहले वर्ष के छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। विश्लेषण से खुलासा हुआ कि कॉलेज के जिन छात्रो ने ज्यादा स्तर का अकेलेपन होने की बात स्वीकारी थी उन लोगों ने ज्यादा स्तर के दुखी बर्ताव औक कम शारीरीक गतिविधि का होना भी बताया था।

इसके अलावा जिन छात्रों न ज्यादा अकेलापन बताया था उनकी खुराक में कम स्तर के अकेलेपन वाले छात्रों की तुलना में ज्यादा फैट था। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक ली जियांग ने बताया कि उनका अध्ययन इस जरूरत पर बहुत बल देता है कि असवास्थ्यकर आहार बर्ताव और शारीरिक गतिविधि का अकेलेपन से संबंध हो सकता है जो ऐसी भावना है जिससे बहुत सारे कॉलेज छात्र प्रभावित रहो रहे हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अकेलेपन को कम करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का इन लोगों की सेहत में सुधार करने की दिशा में सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। ये आंकड़े हेल्थ स्टार्ट हियर स्टेडी के दूसरे शुरुआती पड़तालों के नतीजों से मेल खाते दिख रहे हैं।इस अध्ययन में पाया गया कि कॉलेज के छात्र सेहतमंद खुराक वाले दिशानिर्देशों का पालन या पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं। नतीजों ने उन प्रमाणों में की समूह में ही इजाफा किया है जिसे पता चलता है कि उच्च फैट वाले आहार का ऐसा असर होते है जिसके जोखिम शारीरिक सेहत से कहीं ज्यादा होते हैं।

 

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