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  • Friday, 05 September 2025
पीएम मोदी की ट्रंप के साथ दोस्ती टूटी!

पीएम मोदी की ट्रंप के साथ दोस्ती टूटी!

पीएम मोदी की ट्रंप के साथ दोस्ती टूटी! US के पूर्व NSA ने ट्रंप को ठहराया जिम्मेदार

भारत पर टैरिफ लगाने के बाद से ट्रंप लगातार उनके देश में आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। टैरिफ नीतियों और भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ट्रंप पर आरोप लगाए हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब जॉन बोल्टन ने ट्रंप पर आरोप लगाए हैं, इससे पहले भी उन्होंने कई बार ट्रंप की इसे लेकर आलोचना की है। बोल्टन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के के साथ अच्छे व्यक्तिगत रिश्ते थे, लेकिन अब “वो खत्म हो चुके हैं।” जॉन बोल्टन ने आगे कहा कि ट्रंप की नीतियों के कारण अमेरिका से भारत दूर होता जा रहा है। ट्रंप अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को हमेशा अपने व्यक्तिगत समीकरण के नज़रिये से देखते हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ट्रंप के साथ गहरे संबंध भी विश्व नेताओं को उनके “सबसे बुरे” फैसलों से नहीं बचा पाएंगे।

 

'ट्रंप ने भारत-अमेरिकी संबंध दशकों पीछे धकेल दिए'

बोल्टन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि व्हाइट हाउस ने “अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है।” उन्होनें आगे कहा कि अब पीएम मोदी रूस और चीन के करीब चले गए हैं। एक साक्षात्कार में जब बोल्टन से सवाल किया गया कि क्या SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात वैश्विक व्यवस्था में बदलाव का संकेत देती है? इस सवाल का जवाब देते हुए बोल्टन ने कहा कि 'मुझे लगता है कि इसका 100% क्रेडिट डोनाल्ड ट्रंप को जाता है। क्योंकि जिस प्रकार से उन्होंने पिछले कई महीनों से भारत के साथ बर्ताव किया है, उससे भारत को रूस से दूर करने की दशकों की कोशिश पीछे छूट गई हैं।' बोल्टन की ये चेतावनी इशारा करती है कि विश्व नेताओं के लिए केवल व्यक्तिगत दोस्ती काफी नहीं है। नीतिगत बदलाव और भू-राजनीतिक प्राथमिकताएं कहीं ज्यादा अहम भूमिका निभाती हैं।

 

NSA जॉन बोल्टन का बड़ा दावा

बोल्टन पहले भी कह चुके हैं कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ अनफोर्स्ड एरर यानी बिना वजह की गलती है। ट्रंप 17 से 19 सितंबर तक ब्रिटेन के दौरे पर जाने वाले हैं, और इसी बीच यह टिप्पणी सामने आई है। उनकी विदेश नीति को लेकर पहले से ही तरह-तरह के सवाल और चर्चाएँ चल रही थीं। और अब भारत के साथ बिगड़ते रिश्तों ने इस बहस को और तेज़ कर दिया है।

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