कई चरणों में पूरा होगा एसआईआर का काम, 103 दिन तक चलेगी प्रक्रिया
नई दिल्ली,। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने बिहार के अनुभवों के आधार पर देशभर में होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। अब गणना चरण में मतदाताओं से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल बनेगी। हालांकि, पिछले एसआईआर से लिंक न हो पाने वाले मतदाताओं को निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) नोटिस जारी करेंगे और उनकी पात्रता संविधान के अनुच्छेद 326 के मानकों से जांचेंगे।
ऐसे मतदाताओं को नागरिकता साबित करने के लिए 11 संकेतात्मक दस्तावेजों में से एक जमा करना अनिवार्य होगा, जो बिहार एसआईआर जैसे ही रहेंगे। आधार कार्ड केवल पहचान के लिए स्वीकार्य होगा, नागरिकता प्रमाण नहीं। ईआरओ अन्य वैकल्पिक दस्तावेज भी मंजूर कर सकेंगे, जैसा कि 9 सितंबर के निर्देशों में कहा गया है। गणना फॉर्म में नए कॉलम जोड़े गए हैं, जिसमें मतदाता या उसके अभिभावक/रिश्तेदार का नाम, ईपीआईसी नंबर, संबंध, जिला, राज्य और विधानसभा क्षेत्र का विवरण दर्ज होगा। यह डेटा 2002-04 के पिछले एसआईआर रिकॉर्ड से जोड़ा जाएगा, ताकि सटीकता सुनिश्चित हो।
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