एक हाथी के डर से रांची में लगी धारा 144, 12 दिन में 16 लोगों को कुचलकर मार डाला
झारखण्ड। झारखण्ड में गजराज का आतंक जारी है। झुंड से बिछड़े हाथी ने 12 दिनों में 16 लोगों की जान ले ली। ताजा मामला झारखंड की राजधानी रांची का है। यहां झुंड से बिछड़े हाथी ने 5 लोगों को कुचल दिया जिनमें से 4 लोगों की मौत हो गई। 1 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है जिसका इलाज रिम्स में चल रहा है।
सरकारी आंकडों के मुताबिक पिछले 12 दिनों में हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा और रांची जिले में हाथी ने 16 लोगों को कुचलकर मार डाला है। झारखंड के लोहरदगा, हजारीबाग, गढ़वा, लातेहार, चाईबासा और अब रांची में हाथियों का उत्पात जारी है।
इटकी प्रखंड में झुंड से बिछड़े हाथी का उत्पात मिली जानकारी के मुताबिक रांची के इटकी प्रखंड में हाथी ने 5 लोगों को कुचल दिया। इनमें सुखवीर उरांव, गोविंदा उरांव, पुनिया देवी और राखवा देवी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गंभीर रूप से जख्मी एतवा उरांव का रिम्स हॉस्पिटल में इलाज जारी है।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया है। इधर, हाथी द्वारा 4 लोगों को कुचलकर मारने की घटना के बाद वहां ग्रामीणों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है।
इटकी में एसडीओ ने लागू की धारा 144 गौरतलब है कि प्रशासन को पहले ही रांची इटकी इलाके में हाथी के झुंड से बिछड़कर घूमने की जानकारी मिली थी। संभावित खतरे को देखते हुए रांची (सदर) एसडीओ 'इटकी में अगले आदेश तक धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी।
लोगों को घरों से बाहर अथवा सुनसान इलाकों में जाने से मना किया गया था। इसी बीच यह दर्दनाक घटना घट गई। इधर, घटनास्थल पर लोगों की भीड़ प्रशासन के लिए और चुनौती खड़ी कर सकता है। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे हाथी के आसपास ना जाएं। उसे भगाने या खदेड़ने का प्रयास ना करें। इससे हाथी और ज्यादा उग्र होकर नुकसान पहुंचा सकता है।
Sunil Singh
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