सिंगापुर की संधि खोलेगी जुबिन की मौत के राज, हर एक पहलू पर होगी जांच?
नई दिल्ली,। भारत और सिंगापुर के बीच साल 2005 में एक संधि हुई थी। इस संधि के तहत मशहूर गायक जुबिन गर्ग की हुई मौत की जाँच करना भारत के लिए बेहद आसान हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रयास शुरु कर दिए है। केंद्र सरकार ने जाँच में मदद के लिए भारत-सिंगापुर संधि को फिर से सक्रिय करने का फैसला किया है, ताकि इस मौत की गुत्थी सुलझाई जा सके। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि केंद्र ने दोनों देशों के बीच साल 2005 में हुए परस्पर कानूनी सहायता संधि के तहत गायक जुबिन गर्ग की मौत की जांच में दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश सिंगापुर से औपचारिक रूप से सहयोग का अनुरोध किया है।
बता दें कि भारत और सिंगापुर के बीच साल 2005 में इन्हीं उद्देश्यों को हासिल करने के मकसद से एक पारस्परिक संधि हुई थी, जो दोनों देशों के बीच म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस इन क्रिमिनल मैटर्स (एमएलएटी) का ढांचा तैयार करता है। जुबिन गर्ग की सिंगापुर में हुई संदिग्ध मौत के मामले में यह संधि प्रासंगिक हो गई है क्योंकि इसी के जरिए दोनों देशों के सक्षम प्राधिकार मामले की जांच कर सकेंगे और न्याया सुनिश्चित हो सकेगा। इस संधि की मदद से सिंगापुर गए असम के अधिकारी वहां से साक्ष्य जमा कर सकेंगे। वहां संबंधित लोगों का बयान दर्ज कर सकेंगे। इसके अलावा वहां सर्च या सीजर की कार्रवाई कर सकेंगे। किसी व्यक्ति की उपस्थिति का अनुरोध या हिरासत में व्यक्ति के ट्रांजिट की व्यवस्था कर सकेंगे। इतना ही नहीं किसी भी तरह के कानूनी दस्तावेज या रिकॉर्ड प्रोडक्शन का ऑर्डर भी हासिल कर सकेंगे। इस संधि के जरिए विदेशी जब्ती आदि के आदेश पर अमल में भी मदद मिलेगी।
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