कितना भी हो घमासान नहीं बदलेगा प्लान, केजरीवाल ने जाहिर किए इरादे, संकट में 'हाई जोश का क्या राज ?
नई दिल्ली। दिल्ली में 9 साल से सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (आप) अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है। भ्रष्टाचारा विरोधी आंदोलन की कोख से जन्मी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया के शराब घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद विपक्ष हमलावर है 'कट्टर ईमानदारी को अपनी विचारधारा बताने वाले पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से तीखे सवाल पूछे जा रहे हैं तो राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि आप के लिए अपनी साख बचाना अभी बढ़ी चुनौती है। हालांकि, इस बीच आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वह हार मानने वाले नहीं है। उन्होंने सरकार के कामकाज से लेकर पार्टी के विस्तार प्लान तक पर पहले की तरह बढ़ते रहने की बात कही है।
जनता के बीच जाने का ऐलान
सिसोदिया पर लगे आरोपों और गिरफ्तारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में घर-घर 'आप' की घेराबंदी की घोषणा की तो केजरीवाल ने भी कहा है कि उनकी पार्टी डोर-टु-और जाकर लोगों को बताएगी कि कैसे अच्छे काम को रोकने के लिए मोदी सरकार उन्हें परेशा कर रही है। पार्टी के विधायकों और पार्षदों से बातचीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पार्टी के सभी बड़े नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सड़कों पर उतरेंगे और घर-घर जाकर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने साफ किया कि नैरेटिव की लड़ाई में वह अपनी पार्टी को पिछड़ने नहीं देंगे।
'2024 वाला प्लान भी नहीं बदलेगा'
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि केजरीवाल पहले की तरह दूसरे राज्यों में पार्टी के विस्तार पर ध्यान नहीं दे पाएंगे 18 विभागों का कामकाज संभालने वाले सिसोदिया पर वह दिल्ली सरकार का कामकाज छोड़कर खुद दूसरे राज्यों में अधिक मेहनत कर पाते थे, जिसमें अब रुकावट की बात कही जा रही थी। हालांकि, केजरीवाल ने साफ कहा कि वह पहले की तरह पार्टी विस्तार के लिए काम करेंगे और जल्द ही बाहर (दूसरे राज्य) जाने वाले हैं। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे चुनावी राज्यों में केजरीवाल का दौरा प्रस्तावित है। इसके अलावा वह 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुटे हैं। हाल के दिनों में केजरीवाल तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, के चंद्रशेखर राव जैसे नेताओं से मुलकात कर चुके हैं।
सौरभ-आतिशी पर भरोसा
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद केजरीवाल कैबिनेट में फेरबदल होने जा रहा है। सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना को मंत्री बनाने का प्रस्ताव एलजी को भेजा गया है। केजरीवाल ने भरोसा जाहिर किया है कि दोनों काबिल और पढ़े लिखे हैं। वे मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के काम को और अधिक तेजी के साथ बढ़ाएंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के कामकाज पर कोई बुरा असर नहीं होने जा रहा है, बल्कि गति और बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार पहले 80 की गति से बढ़ रही थी तो अब 150 की स्पीड से काम किया जाएगा।
क्यों इतने कॉन्फिडेंस में केजरीवाल?
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो केजरीवाल बार-बार इस बात को कहते हैं कि उन्हें राजनीति नहीं आती, लेकिन महज 10 सालों में वह सियासत के धुरंधर हो चुके हैं। जनमत अपने पक्ष में बनाना उन्हें बखूबी आती है। उन्हें भरोसा है कि खुद को प्रताड़ित किए जाने की बात कहकर वह जनता से सहानुभूति बटोर सकते हैं। राजनीतिक जानकार यह भी कहते हैं कि दाए हाथ' सिसोदिया के गिरफ्तार हो जाने से केजरीवाल चिंतित तो जरूर है, लेकिन कार्यकर्ताओं को वह ऐसा अहसास नहीं होने देना चाहते। कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए वह विश्वास के साथ कह रहे हैं कि यह उनके लिए कोई संकट नहीं है, बल्कि इससे पार्टी और मजबूत होगी।
Sunil Singh
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