
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए दाव पर BJP की प्रतिष्ठा
त्रिपुरा । त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही दिन शेष है। 16 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए कोई भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। खासकर बीजेपी के लिए यह प्रतिष्ठा की लड़ाई है। 2018 में बीजेपी ने सीपीएम के 25 साल पुराने 'लाल किले को ध्वस्त किया था। यह पहली बार था जब बीजेपी यहा सरकार बना सकी बीजेपी का पूरा जोर यहां सत्ता रिपीट करने को है आज पीएम नरेंद्र मोदी त्रिपुरा में दो मेगा रैलियां करने वाले हैं।
अमित शाह दो रैलियां और एक रोड शो करके लौट चुके हैं बीजेपी की तैयारियों की वजह कई हैं। एक पांच दशक से जानी दुश्मन सीपीएम और कांग्रेस पार्टी इस बार एकसाथ हैं तो टिपरा मोधा भी आदिवासी इलाकों में बीजेपी को टेंशन दे सकती है। त्रिपुरा के शहरी इलाकों में भले ही बीजेपी की अच्छी पैठ हो लेकिन, सत्ता पाने के लिए यह नाकाफी है।
त्रिपुरा में आगामी 16 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। इस पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता रिपीट करने के लिए बीजेपी पूरा जोर लगा रही है। पिछली बार चुनाव में 60 में से बीजेपी ने गठबंधन में 43 सीट हासिल की थी।
2018 में यह पहली बार था जब त्रिपुरा में बीजेपी ने सरकार बनाई। 2018 के चुनाव में कांग्रेस भले ही एक भी सीट नहीं निकाल पाई हो लेकिन राज्य की राजनीति में कांग्रेस का रोल काफी अहम रहा है। 1967 से हो रहे विधानसभा चुनाव में भी सीपीएम तो कभी कांग्रेस ही सरकार बनाती रही है।
बीजेपी के लिए लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन ही चिंता का कारण नहीं है। बल्कि, त्रिपुरा मोथा के बागी तेवर और मार्गे भी परेशानी पैदा कर सकती हैं। टिपत मोथा लंबे वक्त से अलग राज्य ग्रेटर टिपरालैंड की मांग उठाता रहा है। जिसे किसी भी सरकार ने कभी नहीं स्वीकारा।
इस बार बीजेपी ने भी इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है। टिपरा मोथा को संदेश में बीजेपी की तरफ से असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि अगर वो अपनी मांग साइड कर लें तो हम उनके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने को तैयार है।
बीजेपी जानती है कि भले ही शहरी इलाकों में उसकी पैठ हो लेकिन, आदिवासी इलाकों में टिपरा मोथा का बोलबाला है। वहीं ग्रामीण इलाकों में सीपीएम और कांग्रेस बीजेपी को टक्कर दे सकती है।
बीजेपी की तरफ से विपक्षी दलों को ललकारने के लिए पीएम मोदी आज त्रिपुरा पहुंचकर दो मेगा रैलियां करने वाले है। पीएम मोदी की दो रैलियां चलाई जिले के अंबासा और गोमती में प्रस्तावित है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी दो रैलियां और एक रोड शो किया था।

News Editor
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