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  • Saturday, 20 December 2025
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नहीं दिखाई दिए कारोबारी गौतम अडानी

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नहीं दिखाई दिए कारोबारी गौतम अडानी

देश के सभी दिग्गज कारोबारी समूह की रही मौजूदगी


लखनऊ । उत्तरप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का शनिवार को दूसरा दिन है। रविवार को समिट का अंतिम दिन होगा। समिट के समापन समारोह में राष्ट्रपति भी मौजूद रहेंगी। समिट में तमाम दिग्गज नेता और उद्योगपति हिस्सा ले रहे हैं। शुभारंभ के इस मौके पर पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत कई नेता मौजूद रहे। ना सिर्फ नेता बल्कि इस दौरान देश ही नहीं विदेशों से भी बड़े बड़े बिजनेस मैन भी नजर आए।

समिट से यूपी में लाखों करोड़ रूपए का निवेश आया है, लेकिन उद्योगपति गौतम अडानी का समिट में नहीं आना कुछ लोगों को काफी खटक रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के शुभारंभ के मौके पर अडानी गायब रहे, तब दूसरे दिन भी कहीं नजर नहीं आए जबकि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में रिलायंस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी सहित देश और दुनिया के तमाम बड़े बिजनेसमैनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

खबरों की मानें तब यूपी सरकार ने अडानी को न्यौता भेजा था, लेकिन उनके ग्रुप ने आने को लेकर कोई सहमति नहीं दी। इससे पहले साल 2018 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में गौतम अडानी नजर आए थे। लेकिन जब से हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आई है, तब से गौतम अडानी सार्वजनिक रूप से कही भी नजर नहीं आ रहे हैं। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, बजाज फिनसर्व के चेयरमैन संजीव बजाज, आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, महिंद्रा और महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के अलावा देश और विदेश से कई बड़े बिजनेसमैन शामिल होने आए हुए हैं।

अडानी के नहीं आने को हाल ही में उत्तर प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में अडानी समूह को करारा झटका मिलने से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यूपी के मध्यांचल विद्युत निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने के अडानी के टेंडर को निरस्त कर दिया। इस टेंडर को लेकर उत्तरप्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद और विद्युत नियामक आयोग (इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) ने भी आपत्ति जाहिर की थी। उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया था कि जो स्मार्ट मीटर बाजार में 6000 रुपए का है, उस अडानी समूह 10,000 हजार रुपए में सरकार को दे रहा है। आरोप था कि मीटर के दाम 48 फीसदी सेलेकर 65 फीसदी तक अधिक थे।

 

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