
कायर इंसान की निशानी है; जासूसी कांड में अपने खिलाफ CBI जांच की मंजूरी पर भड़के सिसोदिया
नई दिल्ली। जासूसी केस में अपने खिलाफ सीबीआई जांच को मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे झूठा केस बताया है। पहले से ही शराब घोटाले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे सिसोदिया ने इशारों में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के विस्तार के साथ उन पर और केस किए जाएंगे।
मनीष सिसोदिया ने सीबीआई जांच की मंजूरी मिलने की खबर को साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, अपने प्रतिद्वंदियों पर झूठे केस करना एक कमजोर और कायर इंसान की निशानी है। जैसे जैसे आम आदमी पार्टी बढ़ेगी, हम पर और भी बहुत केस किए जाएंगे।'
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए गठित 'फीडबैक यूनिट' (एफबीयू) के जरिए कथित तौर पर नेताओं की जासूसी के मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई को केस दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। दिल्ली के लेख उपराज्यपाल के प्रधान सचिव को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 17 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी जाती है।
इस महीने की शुरुआत में सीबीआई ने कहा था कि उसने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित एफबीयू ने कथित तौर पर 'राजनीतिक खुफिया जानकारी एकत्र की। एजेंसी ने सिसोदिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की सिफारिश की थी।
आम आदमी पार्टी (आप ऐप पर पढ़ें सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न विभागों व स्वायत्त निकायों, संस्थानों और संस्थाओं के कामकाज के बारे में प्रासंगिक व कार्रवाई योग्य जानकारी एकत्र करने के लिए 2015 में एफबीयू की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया था। इकाई के लिए एक करोड़ रुपये के फंड रखा गया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में एक कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन कोई एजेंडा नोट प्रसारित नहीं किया गया था। एजेंसी ने व किया था कि एफबीयू में नियुक्तियों के लिए उपराज्यपाल से कोई ले मंजूरी नहीं ली गई।
सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा, एफबीयू ने आवश्यक जानकारी एकत्र करने के अलावा, राजनीतिक खुफिया/खुफिया जानकारियां भी एकत्र कीं।' केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के एक संदर्भ पर प्रारंभिक जांच शुरू की थी । सतर्कता विभाग ने एफबीयू में कथित अनियमितताओं का पता लगाया था।

News Editor
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