रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से किया 62 हजार करोड़ से अधिक का अनुबंध, खरीदे जाएंगे 97 तेजस
नई दिल्ली,। ऑपरेशन सिंदूर और मिग-21 की अंतिम विदाई के साथ तेजी से घटती लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन की संख्या के बीच गुरुवार का दिन भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया। रक्षा मंत्रालय ने बल के जंगी बेड़े की क्षमता को धार देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ कुल 97 स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमानों (एलसीए) तेजस मार्क-1ए की खरीद को लेकर कुल 62 हजार 370 करोड़ रुपए से अधिक के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
जिसमें कोई कर शामिल नहीं है। विमानों की वायुसेना को डिलीवरी डेढ़ से दो साल के भीतर वर्ष 2027-28 से शुरू होगी। जिसे पूरा होने में छह साल का वक्त लगेगा। मंत्रालय ने 25 सितंबर को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। यहां बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की बैठक में इस मेगा रक्षा खरीद को हरी झंडी प्रदान किए जाने के लगभग एक महीने के बाद मंत्रालय ने एचएएल के साथ इस समझौते पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर किए हैं। पूर्व में वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना के लिए 83 तेजस मार्क-1ए विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48 हजार करोड़ रुपए का एक समझौता किया था। इसके बाद किया गया यह दूसरा समझौता है।
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