
डायबिटीज का असर हमारे ब्रेन पर भी
कई दिमागी बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
नई दिल्ली । तेजी से बदलती लाइफस्टाइल की वजह से डायबिटीज का प्रसार तेजी से हुआ है।अब बेहद कम उम्र के लोग भी इससे पीड़ित हो रहे हैं।डायबिटीज होने पर बेहद कड़ाई की जरूरत पड़ती है क्योंकि इससे न केवल हमारा शरीर प्रभावित होता है बल्कि इसका असर हमारे ब्रेन पर भी पड़ता है ।
डायबिटीज में हुए शोध से यह पता चलता है कि मधुमेह से जहां शरीर के दूसरे अंगों पर असर पड़ता है वहीं यह कुछ दीमागी बीमारी को भी ट्रिगर करता है।
जानकारी के अनुसार डायबिटीज की वजह से याददाश्त कमजोर होने का भी खतरा बढ़ जाता है।अगर आप बेहद आसान सी चीजों को बार बार भूल जाते हैं तो हो सकता है कि आप डायबिटीज का शिकार हो।
वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो डायबिटीज की वजह से याददाश्त में बड़ा असर पड़ता है।टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में 5 वर्षों के अंदर ही मेमोरी लॉस के लक्षण दिखने लगते हैं और साथ ही कुछ मामलों में बोलने पर भी दिक्कत होती है।इसका असर उन लोगों में ज्यादा होता है जिनकी उम्र अधिक होती है। डायबिटीज होने से ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ जाता है।स्ट्रोक की वजह बनता है ब्रेन तक खून का ठीक प्रकार से सर्कुलेशन न होना।
कुछ शोध में यह भी पता चला है कि डायबिटीज की वजह से अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ जाता है।डायबिटीज का रोग जितना पुराना होगा अल्जाइमर बढ़ने की संभावना भी उतनी ही अधिक होगी।डायबिटीज की वजह से ब्रेन फॉग की समस्या भी बढ़ने लगती है।ब्रेन फॉग वह मेंटल कंडीशन है जिसमें हमारा दिमाग ठीक प्रकार से कंसंट्रेट नहीं कर पाता और हमारा मूड जल्दी जल्दी स्विंग करता है।इसके साथ ही चीजों को याद रखने में भी दिक्कत होती है।डायबिटी हमारे पूरे शरीर पर असर डालती है।

News Editor
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