काशी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका-हरिश्चंद्र घाट
Flood In Varanasi : काशी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका-हरिश्चंद्र घाट डूबे, लोगों में खौफ का माहौल
काशी में गंगा का रौद्र रूप लगातार गंभीर होता जा रहा है। बीते तीन दिनों में जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है—गंगा अब तक करीब 11 फीट घाटों पर चढ़ चुकी हैं। चेतावनी सीमा 70.36 मीटर को पार करते हुए अब यह स्तर 71.26 मीटर तक पहुंच गया है। गंगा का पानी घाटों में भर जाने से मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र श्मशान घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। ऐसे हालात में दाह संस्कार की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हुई है, और लोगों को अंतिम संस्कार के लिए वैकल्पिक स्थान तलाशने पड़ रहे हैं। शव लेकर आए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा और इतना ही नहीं दुख की बात तो यह है कि छतों-गलियों में दाह संस्कार करना पड़ रहा है। बता दें कि गंगा में बाढ़ की वजह से अब तक 436 परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंंदु को भी पार कर सकता है।
उफान पर गंगा नदी
गंगा का उफान इतना बढ़ गया है कि केंद्रीय जल आयोग ने भी चेताया है कि गंगा का रुख अगले कुछ घंटों में और आक्रामक हो सकता है। कांवड़ यात्रियों के लिए पर सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं। घाटों के किनारे बैरिकेडिंग कर दी गई है साथ ही गंगा में नाव संचालन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति अगस्त महीने में देखी जाती थी, लेकिन अगस्त से पहले ही पानी बढ़ने पर गंगा का रुख चिंता की ओर हो गया है। काशी में गंगा के उफान से दीनदयालपुर, पैगंबरपुर, पुलकोहना, पुराना पुल, रूप्पनपुर और सलारपुर सहित कई तटीय बस्तियां प्रभावित हो रही है। लोग घर खाली करके दूसरे जगहों और बाढ़ राहत शिविरों का रुख कर चुके हैं। पानी का स्तर कम होने के बाद ही वह अपने घर लौटकर आएंगे।
मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी बारिश जारी
मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश जारी है, जिससे नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हालात को देखते हुए कई बांधों के गेट खोले जा रहे हैं। अनुमान है कि शुक्रवार रात तक चंबल, बेतवा और अन्य नदियों से पानी आने के कारण जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है। जिसका सीधा असर काशी में लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा। केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि काशी समेत आसपास के इलाकों में 5 अगस्त के बाद तेजी से बहाव शुरू होगा और गंगा का जलस्तर काफी ऊपर तक जा सकता है। हालांकि, बाढ़ की आशंका के बीच प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता केंद्र से संपर्क करें।
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