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  • Tuesday, 04 November 2025
एच-1बी वीजा पर मची अफरा-तफरी, सैन फ्रांसिस्को में फ्लाइट से नीचे उतारे गए भारतीय

एच-1बी वीजा पर मची अफरा-तफरी, सैन फ्रांसिस्को में फ्लाइट से नीचे उतारे गए भारतीय

नई दिल्ली,। सोशल मीडिया पर अमेरिका से आए ताजा वीडियो वायरल हैं। जिसमें सैन फ्रांसिस्को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरने वाली एमिरेट्स की एक फ्लाइट से कुछ भारतीय यात्रियों को उतारने का मामला सामने आया है। इन सबके बीच हालांकि ट्रंप प्रशासन ने 21 सितंबर 2025 को रात 12 बजे के बाद (पूर्वी डेलाइट समयानुसार) से लागू हुए एच1बी वीजा के निर्णय को लेकर एक नया शिगूफा छोड़ा है। जिसमें यह बताया गया है कि किन वीजा धारकों को बढ़े हुए शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा और किन्हें इससे छूट मिलेगी। मामले पर भारतीय आईटी क्षेत्र की कंपनियों के संगठन नैस्कॉम ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका द्वारा एच1बी वीजा को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण के बाद से हमारी लगभग सभी चिंताएं दूर हो गई हैं।


सैन फ्रांसिस्को में एमिरेट्स की फ्लाइट से कुछ भारतीयों को उस वक्त अचानक उतारा गया। एक यात्री ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। जिससे ये पता चला कि विमान के उड़ान भरने से ठीक पहले ही कुछ यात्रियों को अचानक उतार दिया गया। जिससे विमान के उड़ान भरने में कुल करीब तीन घंटे की देरी हुई। विमान से उतरते हुए लोगों के चेहरे पर अमेरिका लौटने की चिंता साफ तौर पर देखी जा सकती है। एक अन्य वीडियो में कुछ यात्री गलियों में खड़े हुए नजर आ रहे हैं। जबकि अन्य अपने फोन पर स्क्रॉल पर नजर बनाए हुए हैं। कुछ लोग विमान के उड़ान भरने की प्रतीक्षा में इधर से उधर देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर आए एक अन्य वीडियो में एमिरेट्स की फ्लाइट के कैप्टन को ये घोषणा करते हुए सुना जा सकता है कि जो यात्री चाहें वो विमान से उतर सकते हैं। मौजूदा हालात के बीच कुछ यात्री हमारे साथ यात्रा करने के इच्छुक नहीं हैं। जो पूरी तरह से वाजिब है। इसलिए हम यह कहना चाहते हैं कि अगर आप उतरना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं। एक इंस्टाग्राम यूजर ने बताया, एच1बी वीजा को लेकर अमेरिका में हकीकत में भारतीयों में बहुत अधिक तनाव है और वो काफी परेशान हैं।
21 सितंबर 2026 तक लागू रहेगा फैसला


अमेरिका का यह निर्णय 21 सितंबर से लेकर आगामी एक वर्ष तक लागू रहेगा। उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति इस संबंध में कोई अन्य आदेश पारित कर भविष्य के संबंध में निर्णय लेंगे। एच1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है। जिसके तहत अमेरिका की कंपनियां विदेशी विषय विशेषज्ञों को नियुक्त कर सकती हैं। मूलत: ये वीजा इंजीनियरिंग, आईटी, विज्ञान और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में लागू होता है। वीजा की अवधि 36 महीने यानी तीन साल की होती है। लेकिन इसे 6 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। नियम कहते हैं कि अगर कोई विशेषज्ञ अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित किए बिना जनकल्याण का कार्य करने के लिए पूरी तरह से योग्य है तो उसे वीजा को लेकर छूट भी प्रदान की जा सकती है।

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