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  • Saturday, 20 December 2025
दिल्‍ली से जाना था पटना इंडिगो के प्‍लेन से पहुंच गए उदयपुर

दिल्‍ली से जाना था पटना इंडिगो के प्‍लेन से पहुंच गए उदयपुर

सिविल एविएशन के डायरेक्टोरेट जनरल ने इंडिगो से मांगी रिपोर्ट


नई दिल्‍ली। इंडिगो ने गजब ही कर डाला एक शख्स को जाना था पटना और उसे उदयपुर उतार दिया। यह घटना अफसार हुसैन के साथ 30 जनवरी को दिल्‍ली एयरपोर्ट पर हुआ उन्हें गंगा नगरी पटना जाना था मगर उनकी फ्लाइट लैंड हुई झीलों की नगरी उदयपुर में। दिल्ली से पटना की फ्लाइट बुक करने वाले अफसार को इंडिगो ने उदयपुर पहुंचा दिया।

उन्‍होंने जब एयरलाइंस को इन्फॉर्म किया तो इंडिगो ने उसी दिन उन्‍हें वापस दिल्‍ली की फ्लाइट में बैठाया और फिर अगले दिन बिहार की राजधानी पहुंचाया। पूरी घटना पर सिविल एविएशन डायरेक्टोरेट जनरल ने इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डीजीसीए के एक सीनियर ऑफिशियल ने मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

अफसार हुसैन ने आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर पटना जाने वाली फ्लाइट 6ई-214 का बोर्डिंग पास स्कैन किया। मीडिया को एक सूत्र ने बताया कि बोर्डिंग कोच के जरिए हो रही थी। वह सही गेट पर थे कार्ड स्कैन करवाया और फिर टर्मिनल बिल्डिंग से निकलकर कोच पर बैठने चले गए तो उन्हें पटना वाले प्लेन तक ले जाने वाला था। गड़बड़ियों की शुरुआत यहीं से हुई।

हुसैन जिस कोच पर बैठे वह उदयपुर जाने वाली फ्लाइट 6ई-319 के यात्रियों के लिए था। 6ई-319 के रैंप पर सब-रिटेंशन कर रहे शख्स (जिसे एयरलाइन स्टाफ पैसेंजर के बोर्डिंग कार्ड का एक हिस्सा रख लेता है) ने भी नहीं पकड़ा कि हुसैन गलत एयरक्राफ्ट पर हैं। यह प्रोसेस बेहद मैकेनिकल होता है और कोई चेक नहीं करता। अफसार हुसैन को उदयपुर जाने वाली फ्लाइट में बैठने दिया गया।

हुसैन का पटना वाली फ्लाइट में जो सीट नंबर था उदयपुर जा रहे प्लेन में उस सीट पर कोई यात्री नहीं था। नतीजा यह हुआ कि उनसे कोई पूछने भी नहीं आया कि वे यहां कैसे पहुंचे। बोर्डिंग कंप्लीट होने की घोषणा से पहले क्रू सभी पैसेंजर्स की गिनती करता है उसमें भी वे पकड़ नहीं सके कि फ्लाइट में एक व्यक्ति ज्यादा है। अभी यह क्लियर नहीं कि इंडिगो ने पटना वाली फ्लाइट से गायब हुसैन को खोजना शुरू किया था या नहीं।

अफसार ने उस एयरक्राफ्ट के लिए बैगेज चेक-इन करवाया था यह भी पता नहीं। ऊपर से तुर्रा यह कि हुसैन को भी यह समझ नहीं आया कि वह गलत विमान में बैठे हैं जबकि फ्लाइट के भीतर दूरी और फ्लाइंग टाइम से जुड़ी घोषणाएं की जाती हैं। हुसैन को कथित रूप से पटना के बजाय उदयपुर पहुंचने पर समझ आया कि क्‍या हुआ है। तब उन्‍होंने एयरलाइन को जानकारी दी।

 

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