क्या प्रदूषण बन रहा है साइलेंट किलर!
नई दिल्ली। आमतौर पर लोग मानते हैं कि खराब हवा से गला खराब होना, खांसी, जुकाम, आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ती हैं, क्योंकि ये असर तुरंत महसूस होते हैं। लेकिन दिल का दौरा पड़ना लोगों को अक्सर अचानक और बिना चेतावनी के लगता है, इसलिए प्रदूषण को इसकी वजह मानना आसान नहीं होता। हालांकि कई विशेषज्ञ और शोध इस ओर इशारा कर रहे हैं कि शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण अब दिल के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। असल में प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की सर्दियों में दिखने वाले स्मॉग तक सीमित नहीं है। यह जरूर है कि पराली का धुआं, पटाखे और ठंडी हवा मिलकर जब स्मॉग बनाते हैं, तब हवा की गंदगी साफ नजर आती है और लोग परेशान हो जाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि शहरों में सालभर हवा की गुणवत्ता खराब रहती है।
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