न्यायिक अधिकारी सीधे जिला जज बनेंगे - सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 साल पुराने आदेश को बदल दिया है। नए आदेश के अनुसार जूनियर न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रमोशन का नया रास्ता खुल गया है।
सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से जिन अधिवक्ताओं ने 7 साल की वकालत कर ली हो। उसके बाद उनका चयन न्यायिक अधिकारी के रूप में हुआ है। उन्हें सीधे जिला जज के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
नियुक्ति के लिए पात्रता आवेदन के समय देखी जाएगी। सेवारत न्यायिक अधिकारी सेवा के लिए 7 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद जिला न्यायाधीश के लिए पात्र होंगे। सीधे जिला जज बनने के लिए आयु सीमा 35 साल निर्धारित की गई है। पूर्व में जो भर्ती हो चुकी हैं। उस पर इस आदेश का प्रभाव नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सीधी भर्ती में 25 फ़ीसदी कोटे की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जिला जजों की सीधी नियुक्ति के बारे में संविधान के अनुच्छेद 233 की पिछली व्याख्या त्रुटि पूर्ण थी। जिसमें केवल वकालत करने वाले वकीलों को ही पात्र माना गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है,यह प्रावधान वकीलों के लिए योग्यता निर्धारित करता है। पहले से जो न्यायिक सेवा में है। ऐसे न्यायिक अधिकारियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाता है।
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