
तीसरी बार भी नहीं हो सका मेयर चुनाव, एल्डरमैन को वोट देने की अनुमति पर सदन में हंगामा
नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार को तीसरी बार मेयर का चुनाव नहीं हो सका है। नियमों में कुछ बदलाव के बाद सदन हंगामे की भेंट चढ़ गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। आम आदमी पार्टी ने नियमों में बदलाव को बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर मेयर चुनाव में गैर-कानूनी काम करने का आरोप लगाया है।
- सोमवार को दिल्ली मेयर का चुनाव होना था। एलजी वीके सक्सेना द्वारा नामित 10 पार्षदों को मेयर चुनाव में वोट देने का अधिकार दिया गया, तो सदन में हंगामा शुरू हो गया। AAP ने एल्डरमैन को वोट देने के अधिकार का विरोध किया।
- इसी के बाद सदन की बैठक स्थगित कर दी गई। आम आदमी पार्टी का कहना है कि ये एल्डरमैन दिल्ली में केंद्र के प्रतिनिधि हैं। एलजी द्वारा मनोनीत एल्डरमेन के लिए मतदान के अधिकार का पुरजोर विरोध किया है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी का आरोप है कि इन सदस्यों का झुकाव बीजेपी को समर्थन देने का है।
- दिल्ली नगर निगम अधिनियम कहता है कि मनोनीत सदस्य या एल्डरमैन सदन की बैठकों में मतदान नहीं कर सकते हैं। AAP ने कहा कि वह 10 दिन के भीतर मेयर के चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
- आम आदमी पार्टी ने पहले उपराज्यपाल द्वारा राज्य सरकार से परामर्श किए बिना 10 एल्डरमेन का नामकरण करने पर आपत्ति जताई थी। इसने उपराज्यपाल द्वारा पीठासीन अधिकारी के रूप में सत्या शर्मा की नियुक्ति का भी विरोध किया था, इस पद के लिए घर के सबसे वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल की सिफारिश की थी।
- इधर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के आरोपों का खंडन किया है। भाजपा ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने फैसला किया है कि एल्डरमैन मतदान कर सकते हैं। बीजेपी ने मेयर चुनाव को लेकर कहा कि AAP चुनावों में धांधली करने की कोशिश कर रही है।
- तीसरी बार मेयर चुनाव न होने पाने के बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। जहां आप ने समयबद्ध मेयर चुनाव की मांग की और आदेश दिया कि एल्डरमैन को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाए।
- बता दें कि अब तक मेयर चुनाव के लिए तीन बार बैठक हुई, लेकिन बिना चुनाव कराए सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। पहले 6 जनवरी, फिर 24 जनवरी और अब 6 फरवरी को बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बिना मेयर का चुनाव कराए ही स्थगित कर दी गई है।
- खास बात है कि पिछले साल दिसंबर में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 250 वार्डों में से 134 सीट हासिल की थी, वहीं बीजेपी को एमसीडी चुनाव में 104 वार्डों में जीत हासिल हुई। लगातार 15 सालों से एमसीडी की सत्ता में काबिज बीजेपी इस बार सत्ता से बाहर हो गई।

News Editor
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