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  • Monday, 18 August 2025
कार्ड वाले मेट्रो यात्रियों को लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा

कार्ड वाले मेट्रो यात्रियों को लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा

नई दिल्ली । दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के बाद अब डीएमआरसी पूरे मेट्रो नेटवर्क में नैनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से यात्रा की सुविधा शुरू करने जा रही है। इसके लिए सभी मेट्रो स्टेशनों के एंट्री-एग्जिट पॉइंट पर लगे कम से कम एक या दो एएफसी (ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट रिजर्व किए जा रहे हैं। इससे एनसीएमसी कार्डधारकों को दूसरे गेटों पर लगने वाली यात्रियों की कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।

डीएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि एनसीएमसी कार्ड से यात्रा करने वालों के लिए जो गेट रिजर्व किए जा रहे हैं उनमें एक अलग तरह का सॉफ्टवेयर लगाया जाएगा जो केवल एनसीएमसी कार्ड को ही रीड करेगा। इसके साथ ही इन गेटों पर क्यूआर कोड स्कैनर भी लगाया जाएगा जिसे अपने फोन से स्कैन करके लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे। इसके अलावा इन गेटों से अकाउंट बेस्ड टिकट और नियर फील्ड कम्यूनिकेशन के जरिए भी यात्रा करने की सुविधा मिलेगी।

यानी लोग अपने फोन में मौजूद टिकट के क्यूआर कोड को गेट पर पंच करके भी एंट्री कर सकेंगे। इस नए सिस्टम के शुरू होने के बाद मेट्रो के स्मार्ट कार्ड की जरूरत लगभग खत्म हो जाएगी। लोग अपने बैंक के रूपे आधारित डेबिट/क्रेडिट कार्ड या मोबाइल से ही मेट्रो में यात्रा कर सकेंगे और किराया सीधे उनके बैंक अकाउंट से कट जाएगा। क्यूआर कोड भी एनसीएमसी सिस्टम से जुड़ा होगा।

जैसे अभी हम किसी मोबाइल वॉलेट के जरिए क्यूआर कोड स्कैन करके सीधे अपने बैंक खाते से यूपीआई के जरिए पेमेंट कर देते हैं उसी तरह से मेट्रो में सफर का किराया भी दे सकेंगे। मेट्रो नेटवर्क की 12 लाइनों के 286 स्टेशनों पर करीब 3330 एएफसी गेट लगे हुए हैं जिन पर कार्ड या टोकन पंच करके लोग स्टेशन में प्रवेश करते हैं। इनमें से करीब 10 प्रतिशत गेटों को NCMC कार्डधारकों के लिए रिजर्व किया जाएगा।

हर स्टेशन पर कम से कम एक-एक एंट्री-एग्जिट गेट रिजर्व रहेगा। इसके अलावा फेज-4 में बन रहे नए स्टेशनों के भी करीब 350 गेट रिजर्व रहेंगे। फेज-3 के स्टेशनों पर गेट्स लगाने का काम पूरा हो चुका है और अब फेज-1 और 2 के स्टेशनों पर काम चल रहा है जो मार्च तक पूरा हो जाएगा। टेस्टिंग और ट्रायल के बाद मार्च के आखिर तक या अप्रैल में इस सिस्टम को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए मेसर्स थेल्स और पेटीएम बैंक के कंसोर्टियम को गेट लगाने और नया सॉफ्टवेयर डिवेलप करने का जिम्मा सौंपा गया है।

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