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  • Saturday, 20 December 2025
झारखंड के पूर्व CM शिबू सोरेन 81 साल की उम्र में निधन

झारखंड के पूर्व CM शिबू सोरेन 81 साल की उम्र में निधन

झारखंड के पूर्व CM शिबू सोरेन 81 साल की उम्र में निधन, सर गंगा राम अस्पताल में ली अंतिम सांस

झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर वो जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने आज सुबह 8:56 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन पर उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स हैंडल पर सूचना देते हुए दुख व्यक्त किया है। उन्होनें बताया कि पिताजी के जाने से वे शून्य हो गए है। हेमंत सोरेन ने अपने ट्वीट में लिखा– 'आदरणीय दिशेम गुरु हम सबको छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं'। उनके निधन की खबर से झारखंड के साथ-साथ पूरे देश में मातम छा गया है। बता दें कि उनके पार्थिव शरीर को झारखंड लाने की तैयारी चल रही है।

 

कई वर्षों से बीमार चल रहे थे शिबू सोरेन

शिबू सोरेन पिछले कई वर्षों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। उन्हें इस साल जून 2025 के अंत में सांस लेने में दिक्कत के चलते गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां बीते कुछ दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। बीते कुछ दिनों से यहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। बीच बीच में कई बार वेंटीलेटर हट जाता था, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फिर वेंटिलेटर पर लेना पड़ता था। लगातार इस तरह की स्थिति पिछले डेढ़ महीने से बनी हुई थी। बता दें कि इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अस्पताल में जाकर उनका हाल जाना था।

 

पीएम मोदी ने जताया दुख

शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा - “शिबू सोरेन जी एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित रहे। उनके निधन से गहरा शोक है; मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। मैंने झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से बात कर संवेदना प्रकट की है।

ॐ शांति।

 

3 बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे

शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं। शिब सोरेन ने अपने पिता सोबरन मांझी की हत्या के बाद राजनीति में कदम रखा और धनकटनी आंदोलन शुरू कर इतिहास रच दिया था। इसके तहत उन्होंने महाजनों और साहूकारों के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट किया था। शिबू सोरेन को लोग प्यार से दिशोम गुरु भी कहते थे। बता दें कि झारखंड राज्य बनाने के लिए शिबू सोरेन का बहुत संघर्ष रहा है। यही कारण है कि उनके योगदान को पूरे देश में सम्मान की नजर से देखा जाता है।

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