दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे बनाने में लगाया 50 हावड़ा ब्रिज जितना स्टील
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के पहले सबसे लंबे ग्रीन कॉरिडोर के सोहना से दौसा तक के हिस्से का उद्घाटन करने जा रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि इस कॉरिडोर पर 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है। यह मिट्टी की इतनी मात्रा है कि जिसका इस्तेमाल करके इटली के रोम में स्थित फ्लेवियन एंफीथिएटर जैसे 30 रोमन कोलोजियम बनाए जा सकते हैं।
इतना ही नहीं यह कॉरिडोर कई मायनों में बेहद खास है। दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर सिर्फ 12 घंटे में ही लोगों को दिल्ली से मुंबई नहीं पहुंचाएगा बल्कि इतिहास की कई इबारत भी लिखने जा रहा है। इस कॉरिडोर के निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इतने वजन के स्टील का इस्तेमाल करके कोलकाता के हावड़ा ब्रिज जैसे 50 हावड़ा ब्रिज बनाए जा सकते हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। अगर इस सीमेंट का इस्तेमाल दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी 350 स्टैच्यू और यूनिटी बनाई जा सकती हैं। इस कॉरिडोर के निर्माण से रोजगार भी काफी मिला है। इसके निर्माण में 10 करोड़ मानव दिनों के काम का इस्तेमाल किया गया है।
इस हाइवे के शुरू होने से देश में स्पीड और आरामदायक सफर की नई शुरुआत होने जा रही है। यह हाईवे पूरी तरह से एक्सेस कंट्रोल हाईवे बनाया गया है। इस पर एंट्री और एग्जिट के जरिए चढ़ा जा सकता है। बीच में कोई भी वाहन एंट्री नहीं कर सकता। हाइवे पर कार के लिए 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड रखी गई है। बसों के लिए स्पीड 100 किलोमीटर और ट्रकों के लिए स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।
News Editor
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