तसलीमा नसरीन बोलीं- बंगाली मुस्लिम भी हिन्दू
नई दिल्ली। निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि हिंदू संस्कृति ही बंगाली संस्कृति की नींव है, चाहे वह बंगाली हिंदू हों या फिर मुस्लिम। उनके इस बयान पर मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गंगा-जमुनी तहज़ीब का जिक्र किया।
तसलीमा नसरीन ने दुर्गा पूजा के पंडाल की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि इसमें छिपाने की कोई बात नहीं है कि हिंदू संस्कृति ही बंगाली संस्कृति की नींव है। हम बंगाली, भले ही हमने चाहे किसी भी धर्म या दर्शन को अपनाया हो। राष्ट्रीय पहचान में भारत से ही जुड़े हैं। भारत के हिंदू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम और नास्तिकों के पूर्वज लगभग सभी भारतीय हिंदू ही थे। अगर कोई बंगाली मुस्लिम भी है, तो उसकी संस्कृति अरब की नहीं है। उसकी संस्कृति बंगाली है, जो हिंदू परंपराओं में रची-बसी है। ढोल की थाप, संगीत, नृत्य, यही बंगाली संस्कृति की आत्मा है और इसे नकारना खुद को नकार देना है।
जावेद अख्तर ने तसलीमा नसरीन के विचारों से सहमति जताई और कहा कि हम अवध के लोग बंगाली संस्कृति, भाषा और साहित्य का सम्मान करते हैं। लेकिन अगर कोई गंगा-जमुनी तहज़ीब की परिष्कृतता और गहराई को नहीं समझता, तो यह उसकी कमी है। यह संस्कृति अरब से नहीं जुड़ी है।
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