रोजगार जैसे कई प्रमुख कारण थे जिसकी वजह से बूथों तक खिंचे चले आए मतदाता
पटना,। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ है। यह पिछले चुनाव से 9.6 फीसदी ज्यादा है। जनसुराज ने विधानसभा चुनाव को लेकर एक व्यापक पृष्ठभूमि तैयार की। इसमें युवा, रोजगार, पलायन, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के बेहतर भविष्य के सपने दिखाए गए। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर पार्टी ने बार-बार अपना पक्ष लोगों के बीच रखा। उसने बच्चों के भविष्य पर मतदान की अपील की।
यह लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ। इसने नया नैरेटिव तय दिया। इसके कारण कई अन्य दलों ने भी इसको लेकर आक्रामक रणनीति तैयार की। वामदल भी इन मुद्दों पर सक्रिय हुआ। इसके बाद रोजगार, नौकरी जैसे मुद्दे और तेजी से चर्चा में आए। इसने मतदाताओं पर भी प्रभाव डाला। इन मुद्दों को लेकर वे काफी मुखर हुए। एनडीए सरकार की ओर से की गई पहल और महागठबंधन के वादे इसके कारण हैं ही, जनसुराज ने शुरुआती दौर में युवाओं के भविष्य का एजेंडा तय किया। आगे की बहस और पहल उसी पर केंद्रित रही। कई दिग्गजों और उनके साथ जुड़े नेताओं के लिए अंतिम पारी जैसा है तो नई पीढ़ी के नेताओं के लिए नए अवसर जैसा। ऐसे में इन दोनों पीढ़ी के नेताओं ने भी पूरी ताकत झोंक दी। रही सही कसर पक्ष-विपक्ष में ध्रुवीकरण ने पूरी कर दी।
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