दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के तीन ट्रायल हुए नाकाम, प्रोजेक्ट पर 3.2 करोड़ का खर्च
विशेषज्ञ बोले- नमी में कमी के चलते नहीं हुआ असर
नई दिल्ली,। प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली में कृत्रिम वर्षा (क्लाउड सीडिंग) का प्रयोग सरकार को महंगा पड़ गया, क्योंकि करोड़ों खर्च करके तीन ट्रायल जो कराए गए वे सभी नाकाम साबित हुए हैं। इस पर मौसम विशेषज्ञों का कहना था, कि हवा में नमी की कमी के कारण इस प्रयोग का असर नहीं हो सका है। इस पर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की मौजूदा रेखा सरकार पर तंज कसा- इंद्र देव करेंगे वर्षा और सरकार दिखाएगी खर्चा।
जानकारी अनुसार दिल्ली पर्यावरण विभाग और आईआईटी कानपुर के बीच हुए समझौते के तहत किए जा रहे इस प्रोजेक्ट पर कुल 3.2 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। एक ट्रायल की लागत लगभग 64 लाख रुपये बताई गई है। अब तक तीन ट्रायल किए जा चुके हैं, जिसमें 23, 28 अक्टूबर की दो उड़ानों के दौरान मेरठ से आए विशेष विमान ‘सेसना’ ने दिल्ली के खेकड़ा, बुराड़ी और मयूर विहार क्षेत्रों में 6,000 फीट की ऊंचाई पर केमिकल छिड़का था। बावजूद इसके बारिश नहीं हो सकी।
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