
उपेंद्र कुशवाहा ने छोड़ा नीतीश कुमार का साथ, बनाई नई पार्टी RLJD; बोले- पड़ोसी के घर ढूंढा उत्तराधिकारी
पटना। नीतीश कुमार से लंबे समय से चल रहे टकराव के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने आखिरकार जेडीयू छोड़ दी है। उन्होंने जेडीयू के एमएलसी के पद से भी इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को उन्होंने पटना में इसका ऐलान किया। उन्होंने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल बनाने का ऐलान किया।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज से मैं नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहा हूं। उपेंद्र कुशवाहा ने इस दौरान नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह तो पड़ोसी के घर में अपना उत्तराधिकारी तलाश रहे हैं। कुशवाहा ने आरजेडी के साथ गठबंधन करने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि नीतीश कुमार की राजनीति का अंत बुरा है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन कहा जाता है कि अंत भला तो सब भला। यह नीतीश कुमार नहीं कर पाए। अंत बहुत बुरा हो गया। कहावत बदल गई कि अंत बुरा तो सब बुरा। आज वह जिस ओर चल पड़े हैं, वह बहुत ही बुरा है। ना सिर्फ नीतीश के लिए बल्कि जनता और पार्टी के लिए भी। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैंने चुने हुए साथियों को पटना बुलाया है।
बहुत बेचैनी है। कुर्मी बिरादरी से आने वाले उपेंद्र ने कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार जैसे नेताओं को जनता ने ताकत दी थी। लालू यादव ने शुरुआती दिनों को छोड़कर जनता की ताकत का इस्तेमाल परिवार के हित में करना शुरू कर दिया। इसके बाद उम्मीदें नीतीश कुमार थीं, जिन्होंने 1995 में समता दल बनने के बाद नेतृत्व संभाला।
नीतीश को जनता ने ताकत दी, पर अंत बुरा ही रहा
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने संकट में नीतीश कुमार को ताकत दी। 2005 के बाद कर्पूरी ठाकुर की विरासत उनके पास आ गई। उन्होंने अपने शासन में उसे बढ़ाने का काम बहुत अच्छे से किया। उन्होंने बिहार को खौफनाक मंजर से बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी।
कुशवाहा ने कहा कि 2020 में विधानसभा चुनाव बाद हम उनके साथ आ गए थे। तब बिहार की जनता का आदेश नीतीश कुमार और मुझे मिला था। मैंने सोचा कि बंटे रहे तो बिहार में पुराने हालात पैदा हो सकते हैं, लेकिन सब कुछ ठीक नहीं रहा। मैंने सब कुछ न्योछावर करके उनका साथ दिया, फिर भी जनता के हित में कुछ नहीं रहा।
पड़ोसी के घर में नीतीश ने पूरी की उत्तराधिकारी की तलाश
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मेरे मन में कभी कुछ नहीं था। मैंने सब कुछ छोड़कर उनके साथ जाने का फैसला लिया था। सब ठीक ही चल रहा था, लेकिन वह गलत रास्ते पर चल दिए। मैंने गठबंधन बदलने की बात भी मान ली।
फिर आरजेडी के लोग एक डील की बात करने लगे। खुद नीतीश कुमार ही कहने लगे कि बिहार का दायित्व मैं तेजस्वी यादव को देता हूं। अब तो आरजेडी के लोग यह कहने लगे हैं कि कब तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। इस तरह नीतीश कुमार ने पड़ोसी के घर में अपने उत्तराधिकारी की तलाश की है।

News Editor
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