विजय चौधरी की पत्नी ने प्रयागराज पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का लगाया आरोप
प्रयागराज। प्रयागराज शूटआउट के बाद सोमवार की सुबह हुए दूसरे एनकाउंटर में मारे गए विजय चौधरी उर्फ उस्मान की पत्नी सुहानी ने पुलिस की कहानी पर सवाल खड़े कर दिए है। सुहानी का कहना है कि उसका पति (विजय चौधरी) रात भर घर पर ही था उसने कहा कि एनकाउंटर के बाद पुलिस द्वारा बताया जा रहा उस्मान नाम भी काल्पनिक है। पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए उसने कहा कि मुझे नहीं पता कि पुलिस ने उसे कहा से और कैसे पकड़ा? वह सुबह सात बजे घर से गया है।
सुहानी ने कहा कि मेरे पति अपराधी नहीं थे। वह गाड़ी चलाते थे। 24 फरवरी (जिस दिन उमेश पाल की हत्या हुई थी) को भी वह घर पर ही थे। 25 फरवरी की सुबह वह सतना गए थे। सुहानी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके पति का फर्जी एनकाउंटर कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार नानबाबू उर्फ विजय चौधरी ने गांव के की ही सुहानी से 2020 में अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था। सुहानी ने उसके अपराधिक इतिहास से इंकार किया है। बहन मनीषा ने भी इनकाउंटर को गलत बताया और उस्मान नाम की काल्पनिक कहा।
विजय चौधरी के पिता विरेन्द्र चौधरी ने भी कहा कि विजय ड्राइवर था। वह घूरपुर में गाड़ी चलाता था। यह एनकाउंटर पूरी तरह फर्जी है विरेन्द्र चौधरी ने कहा कि विजय चार दिन से घर पर ही था। उस्मान नाम काल्पनिक है। पुलिस कल बुला कर ले गई है।
पुलिस ने किया है ये दावा
उधर, पुलिस ने सोमवार की सुबह दावा किया कि उसने उमेश पाल और दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या में शामिल रहे एक और शूटर को मुठभेड़ में मार गिराया है। पुलिस ने मारे गए शूटर का नाम विजय चौधरी उर्फ उस्मान बताया। यह दावा भी कि अतीक गैंग में शामिल होने के बाद माफिया ने विजय चौधरी का धमपरिवर्तन कराकर उसे उस्मान नाम दे दिया था। इसी धर्मपरिवर्तन का हक अदा करने के लिए विजय चौधरी 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड में शामिल हुआ था।
पुलिस के दावे के मुताबिक विजय ही वह शूटर था जिसने सबसे पहले उमेश पाल पर गोली चलाई थी। पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था एनकाउंटर में एक सिपाही भी घायल हुआ है। बता दें कि इसके पहले प्रयागराज शूटआउट के बाद 27 फरवरी को हुए पहले एनकाउंटर में पुलिस ने अरबाज नाम के एक बदमाश को मार गिराया था। इस कांड में अतीक के तीसरे बेटे असब सहित पांच शूटरों पर ढाई ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया जा चुका है।
10 दिन से नहीं हो पाई थी पहचान
दावे के मुताबिक उमेश पाल को कार से उत्तरते ही पहली गोली जिस शूटर ने मारी थी विजय उर्फ उस्मान वहीं था। उसने उमेश पाल और गनर पर गोलियों की बौछार कर दी थी। इसकी फुटेज सीसीटीवी में कैद थी लेकिन 10 दिन बाद भी पुलिस नाम उजागर नहीं कर पाई थी। पुलिस को उसकी पहचान करने में सबसे ज्यादा वक्त लगा। सोमवार को प्रयागराज के कौंधियारा थाना क्षेत्र में पुलिस और क्राइम ब्रांच से मुठभेड़ में मारे जाने के बाद ही विजय चौधरी उर्फ उस्मान का नाम सामने आया। बताया गया कि पुलिस ने उससे आत्मसमर्पण के लिए कहा था लेकिन वह फायरिंग करने लगा। जवाबी फायरिंग में बाइक सवार शूटर को पुलिस की गोली लगी। पुलिस उसे लेकर अस्पताल गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके पास से असलहा बरामद हुआ है।
प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के डॉ. बद्री विशाल सिंह ने बताया कि उस्मान को जब लाया गया था तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। हमने उसका ECG और अन्य जांच कराकर हमने उसे मृत घोषित किया और उसके शरीर को शव गृह भेजा। उसको गोली लगी थी।
Sunil Singh
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