दिल्ली में गोकशी रोकने के लिए बने गाय सुरक्षा सेल, HC में याचिका पर अदालत ने सरकार से मांगा जवाब
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गोकशी के खिलाफ हाईकोर्ट में दी गई एक याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार से इसपर जवाब मांगा है। इस याचिका में अपील की गई थी कि अदालत प्रशासन को आदेश दे कि वो दिल्ली में गोकशी पर लगाम लगाए। इस याचिका में गायों के लिए अलग से दिल्ली के हर जिले में सुरक्षा सेल बनाने की मांग भी की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही अदालत ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए आगामी 17 मई को सुनवाई का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान एडिशन सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अजय दिगपॉल की तरफ से कहा गया है कि यह एक वास्तविक मामला है और देश में गाय का सम्मान किया जाता है। याचिकाकर्ता अजय गौतम ने कहा कि दिल्ली में 15 जिले हैं जिनमें 200 से ज्यादा पुलिस स्टेशन हैं। यहां करीब 80,000 पुलिस बस है। इनमें से सिर्फ 38,000 पुलिस बल को पुलिस थाने में लगाया गया है। अन्य सभी बटालियन या अन्य यूनिट में तैनात हैं। भारी पुलिस बल होने के बावजूद दिल्ली में गोकशी के मामले सामने आ रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली से करीब 85 किलोमीटर दूर हरियाणा का मेवात गोकशी के लिए काफी प्रचलित हो चुका है। लोग बाहर से गायों की तस्करी कर उन्हें मेवात लाते हैं जहां गोकशी की जाती है। इतना ही नहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि बकरीद के दौरान गार्यों पर जुल्म भी बढ़ जाता है। गाय की तस्करी करने वाले उनके सींग तोड़ देते हैं और यहां तक कि उनकी आंखों में मिर्च भी डाल देते हैं। जब कोई इंसान गाय को पवित्र तौर पर देखता है और इसे अपनी मां मानता है और उसका सामने इन चीजों से होता है तो उससे यह बर्दाश्त नहीं होता। कभी-कभी हालात नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं।
याचिका में आगे बताया गया है कि खई केसों में गौ सेवक क्राइम सीन पर पहले पहुंचते हैं और पुलिस बाद में पहुंचती है। गोमांस की तस्करी एक आम बात हो गई है और इसका नतीजा यह होता है कि कुछ इलाकों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ जाते हैं।
Sunil Singh
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