
सावन सोमवार 2025: व्रत के दौरान क्या खाएं और किन चीज़ों से करें परहेज़
सावन सोमवार 2025: व्रत के दौरान क्या खाएं और किन चीज़ों से करें परहेज़
सावन का पावन महिना चल रहा है, जो कि इस साल सावन 11 जुलाई को शुरू हुआ था और 09 अगस्त को इसका समापन होगा। इस साल सावन में कुल 4 सोमवार व्रत पड़ेंगे, जिसमें अबतक 2 सोमवार व्रत बीत चुके हैं और 2 आने अभी बाकि हैं। सनातन धर्म में सावन सोमवार व्रत का खास महत्व माना जाता है। श्रावण माह में लोग पूरे महीने पूजा-पाठ और व्रत रखते हैं। इस समय खाने-पीने में सावधानी बरतना आवश्यक होता है। आज हम आपको बताएंगे सावन सोमवार व्रत का पारण कब करें, क्या खाएं और क्या नहीं खाएं। आइए जानते हैं...
व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए?
अगर आप भी सावन में सोमवार का व्रत रखते हैं तो ऐसे में आप फल और ड्राईफ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं। श्रावण व्रत में अन्न का सेवन नहीं किया जाता लेकिन फलाहार किया जा सकता हैं। इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के साथ-साथ आप उसका सेवन भी कर सकते हैं। श्रावण सोमवार के व्रत में आप राजगिरा के पराठे का सेवन भी कर सकते हैं। यह हल्का, पौष्टिक और स्वाद में बेहद लाजवाब होता है, जिसे दही या हरी चटनी के साथ खाया जा सकता है। इसके अलावा उपवास के लिए साबूदाना, मखाना, अरारोट और कुट्टू जैसे विकल्प भी उत्तम माने जाते हैं। इनसे स्वादिष्ट पराठा, खिचड़ी या हलवा जैसी व्रत-उपयुक्त चीजें आसानी से तैयार की जा सकती हैं। अब बात करें ल्रत के पारण के नियम की तो इस व्रत का पारण शाम को करना उत्तम माना जाता है। सावन सोमवार व्रत की कथा सुनने के बाद मीठे भोजन का सेवन करें। फिर अगले दिन सुबह-सुबह शिवजी की पूजा करें और यथाशक्ति दान आदि देकर व्रत का पारण पूरा कर लें।
व्रत के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?
इस व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। आप केवल फलाहार लेकर ही व्रत रखें। इस व्रत में नारियल भूलकर भी ना खाएं। साथ ही किसी भी तामसिक चीजों का सेवन ना करें। सात्विक आहार ही अपनाएं, ताकि शरीर और मन दोनों को शांति मिले। सावन के दिनों में और सोमवार व्रत में शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इसका सेवन इन दिनों वर्जित माना जाता है। इसके अलावा इस व्रत में बार-बार भोजन ना करें। इस व्रत में एक ही समय भोजन किया जाता है।
श्रद्धा-भक्ति से भी भोले हो जाएंगे प्रसन्न
अगर किसी कारणवश आप सावन के सोमवार का व्रत नहीं रख पा रहे हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं। भोलेनाथ केवल व्रत या उपवास नहीं, बल्कि भक्त के सच्चे श्रद्धा भाव को देखते हैं। आप केवल मन में भक्ति रखकर शिवलिंग पर एक लोटा शुद्ध जल चढ़ा दें या मानसिक रूप से ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें, यही भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए पर्याप्त है। क्योंकि भगवान तक वही भक्ति पहुंचती है, जो दिल से की जाती है।
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