
सुरक्षा उपायों के साथ हेलीकॉप्टर सेवा शुरु, अब आसान होगी चारोंधाम यात्रा
नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मॉनसून अंतराल के बाद 15/16 सितंबर 2025 से चारधाम यात्रा 2025 के लिए हेलीकॉप्टर परिचालन फिर से आरंभ करने की स्वीकृति दे दी है। नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू के नेतृत्व में गहन समीक्षा के बाद चारधाम यात्रा और अधिक सुरक्षित बनाने हेतु महत्वपूर्ण पहल की गई है। सुरक्षा में कोई चूक बिल्कुल बर्दाश्त न करने के स्पष्ट आदेश के साथ, डीजीसीए को सख्त कदम उठाने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार नायडू ने डीजीसीए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, राज्य सरकार और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ देहरादून और दिल्ली में कई समीक्षा बैठकें कीं। नागर विमानन मंत्री के निर्देशों के अनुसार, डीजीसीए ने अपनी टीम द्वारा सभी हेलीपैड, हेलीकॉप्टरों, संचालकों की तैयारियों और सहायता सुविधाओं का व्यापक निरीक्षण/आकलन किया। इसके बाद उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण और हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों को संचालन फिर से आरंभ करने की स्वीकृति दी गई।
इसके अलावा, नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा सभी हेलीकॉप्टर संचालक कंपनियों और पायलटों को चुनौतियों तथा तीर्थयात्रा संचालन से संबंधित परिपत्र में अपनाए गए अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई। डीजीसीए चारधाम यात्रा हेलीकॉप्टर संचालन पर कड़ी और निरंतर निगरानी रखेगा। मई-जून 2025 में चारधाम सेक्टर में कई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के बाद, विभिन्न उच्चाधिकार प्राप्त समितियों ने सुरक्षित हेलीकॉप्टर संचालन में सुरक्षा उपायों की सिफ़ारिश की थी, जिनमें भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण - एएआई द्वारा हवाई यातायात नियंत्रकों, भारतीय मौसम विभाग द्वारा मौसम विज्ञान अधिकारियों और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) द्वारा नियंत्रण कक्षों में योग्य कर्मियों की तैनाती शामिल है। सुरक्षा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक जांच और आकलन किए जाएंगे। डीजीसीए उच्चतम स्तर की विमानन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने फिर दोहराया है कि यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा सर्वोपरि है। चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा फिर से आरंभ होने से श्रद्धालुओं को इन पवित्र तीर्थस्थलों तक परिवहन का एक सुरक्षित, कुशल और भरोसेमंद साधन उपलब्ध होने की उम्मीद है।
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