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  • Thursday, 16 October 2025
भारतीय रेल में पहली बार प्राचार्य सम्मेलन, प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर जोर

भारतीय रेल में पहली बार प्राचार्य सम्मेलन, प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर जोर

नई दिल्ली,। भारतीय रेल ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की प्रणाली में गुणवत्ता और आधुनिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल की है। पहली बार भारतीय रेल के मल्टी डिसिप्लिनरी ज़ोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स के प्राचार्यों का सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन ट्रैफिक निदेशालय के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। भारतीय रेल के पास वर्तमान में कुल 14 संस्थान हैं, जहां फील्ड स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाती है। इन संस्थानों में नए भर्ती कर्मचारियों को बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, वहीं कार्यरत कर्मचारियों को समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स कराया जाता है, जिसस वे बदलती तकनीकों और नीतियों से अपडेट रह सकें।
सम्मेलन का प्रमुख एजेंडा प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाना था। इसमें केस स्टडीज़ के उपयोग को विशेष महत्व दिया गया, ताकि ट्रेन संचालन और सुरक्षा से जुड़े जटिल पहलुओं को वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से बेहतर ढंग से समझाया जा सके। साथ ही प्रशिक्षण को अधिक संवादात्मक और आकर्षक बनाने के लिए सिमुलेटर तकनीक के उपयोग को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। यह कदम न केवल कर्मचारियों की सीखने की क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें वास्तविक परिस्थितियों के लिए अधिक सक्षम भी बनाएगा।


प्रशिक्षण सामग्री को केंद्रीकृत करने के उद्देश्य से, विभिन्न एमडीज़ेटीआई संस्थानों द्वारा तैयार किए गए लेक्चर वीडियो और अन्य प्रशिक्षण संसाधनों को एक साझा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इससे पूरे देश के रेल कर्मचारी एक ही स्थान से उच्च गुणवत्ता वाली प्रशिक्षण सामग्री तक आसानी से पहुँच सकेंगे।प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक नियमित फीडबैक तंत्र लागू करने का निर्णय लिया गया। यह फीडबैक प्रणाली प्रशिक्षुओं की प्रतिक्रियाओं के आधार पर प्रशिक्षण मॉड्यूल को और अधिक उपयोगी और व्यवहारिक बनाने में मदद करेगी।सम्मेलन के दौरान एमडीज़ेटीआई प्राचार्यों ने दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी का दौरा किया। यहाँ उन्हें आधुनिक प्रशिक्षण पद्धतियों से अवगत कराया गया। प्राचार्यों ने कैब, बोगी और सिग्नलिंग सिस्टम्स के सिमुलेटर, ऑटोमैटिक दरवाज़े की तकनीक और आपातकालीन निकासी प्रक्रियाओं के प्रशिक्षण का प्रत्यक्ष अनुभव लिया। यह अनुभव भारतीय रेल के प्रशिक्षण ढांचे को और अधिक उन्नत बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

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