सरकार की 10 लाख करोड़ के पेंशन फंड पर नजर - पेंशनधारकों में चिंता बढ़ी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश के सबसे बड़े वित्तीय कोषों में से एक 10 लाख करोड़ रुपये के पेंशन फंड को लेकर नई योजना पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस विशाल राशि को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, सार्वजनिक निवेश और दीर्घकालिक विकास योजनाओं में लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार के इस कदम को लेकर पेंशनधारकों और आर्थिक विशेषज्ञों के बीच चिंता और बहस देखने को मिल रही है।
वर्तमान में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत यह कोष मुख्य रूप से सरकारी बॉन्ड और कम जोखिम वाले साधनों में निवेश किया जाता है। सरकार अब इस फंड को “प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट” के रूप में उपयोग करने के बारे में सोच रही है। सरकार के अधिकारियों का मानना है, पेंशन फंड का जमा पैसा सड़कों, बिजली और रेलवे जैसी परियोजनाओं में लगाने पर सरकार को विचार करना चाहिए।
इससे लंबी अवधि में अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जमा फंड पर रिटर्न भी अच्छा मिल सकता है। कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञों की सरकार की इस सोच वाले प्रस्ताव पर गंभीर आपत्ति है। उनका कहना है, पेंशन फंड कर्मचारियों की जीवनभर की मेहनत की कमाई है, जिसका उद्देश्य सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देना है।
नाकि पेंशन के लिए जमा पूंजी को जोखिम भरे निवेश में लगाना। ट्रेड यूनियनों ने सरकार को चेतावनी दी है। अगर सरकार ने इस राशि को बाजार या इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में डाला। पेंशन कोष मे नुकसान का खतरा बढ़ जाएगा।वित्त विशेषज्ञों का कहना है, सरकार को पहले इस फंड के उपयोग को लेकर पारदर्शी नीति और गारंटी सिस्टम तैयार करना होगा। पेंशन फंड के कोर्स से करोड़ों कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य जुड़ा हुआ है। जिससे खिलवाड़ हो सकता है।
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